एक व्यक्ति का ससुराल हरियाणा में था।
वह एक बार सर्दियों के दिनों में अपने ससुराल जाता है।
उसकी पत्नी का नाम था दामो,
और उसकी साली का नाम था बदामो...
तो उस गांव में एक अलग ही रिवाज़ था...
दामाद अपनी पत्नी से मिलना तो दूर,
आमने-सामने देख भी नहीं सकता था।
तो दामाद ने इशारे में दो पंक्तिया कही...
"उड़ता पंछी बोल रहया सै
अबकी पाला खूब पड़ेगा
दो-दो जणे मिल के सोइयो,
नहीं तै एक जरूर मरेगा "
यह बात उसकी सास समझ गई कि दामाद
क्या इशारा कर रहा है, तो उसने भी जवाब दिया...
"दामो संग बादामो सोवेगी,
और तेरे संग तेरा साला
मैं बूढे संग पड़ी रहूगीं,
के कर लेगा पाला "
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