हेलो फ्रेंड्स , आज हम स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कुछ शानदार पोस्ट लेकर आए हैं जो आपको पसंद आएगी
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तां के सम्मान का है...
जिसके दिल में प्यार नहीं, आजादी का हक़दार नहीं,
मेरा वतन गुलज़ार है, यहां गद्दारों से इक़रार नही...
वतन हमारा ऐसा कोई छोड़ ना पाएगा
रिश्ता हमारा कोई तोड़ ना पाएगा
दिल एक है हमारा और एक जान है,
हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है...
चढ गए जो हंसकर सूली,
खाई जिन्होने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करते हैं,
जो मिट गए देश पर, हम उनको सलाम करते हैं...
आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनामी ना होने देंगे,
बच्ची है जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत मां का आंचल नीलाम ना होने देंगे!
जब आंख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,
जब आंख बंद हो तो यादें हिन्दुस्तान की हो,
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।
मेरी धडकनो में धडकता रहे तू, मेरे देश तुझको नमन है मेरा,
जीऊं तो जुबां पर तेरा नाम हो, मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा।
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूं,
यहां की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूं,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूं।
कभी सनम को छोड़ के देख लेना,
कभी शहीदों को याद करके देख लेना,
कोई महबूब नहीं है वतन जैसा यारो,
मेरी तरह देश से कभी इश्क करके देख लेना...
वंदे मातरम
लूटती रही फूलन देवी की इज़्ज़त
तब ये हिंदुत्व के ठेकेदार मौन थे
आज जो कहते हैं की पद्मावती हिन्दू थी
तो यह बताइए की फूलन देवी कौन थी
सड़ती रही लाशें सड़को पर
गांधी फिर भी मौन थे,
हमें पढ़ाया गांधी के चरखे से आजादी आई,
तो फांसी चढ़ने वाले 25-25 साल के वो जवान कौन थे
वो रस्सी आज भी संग्रहालय में है
जिस्से गांधीजी बकरी बांधा करते थे
किन्तु वो रस्सी कहां है
जिस पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू हंसते हुए झूले थे
हालात.ए.मुल्क देख के रोया न गया...
कोशिश तो की पर मूंह ढक के सोया न गया
जाने कितने झूले थे फांसी पर, कितनों ने गोली खाई थी....
क्यों झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी....
@देवराज सिंह राठौड़
मंगल पांडे को फांसी?
तात्या टोपे को फांसी?
रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेज सेना ने घेर कर मारा?
भगत सिंह को फांसी?
सुखदेव को फांसी?
राजगुरु को फांसी?
चंद्रशेखर आजाद का एनकाउंटर अंग्रेज पुलिस द्वारा?
सुभाषचन्द्र बोस को गायब करा दिया गया?
भगवती चरण वोहरा बम विस्फोट में मृत्यु?
रामप्रसाद बिस्मिल को फांसी?
अशफाकउल्लाह खान को फांसी?
रोशन सिंह को फांसी?
लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज में मृत्यु?
वीर सावरकर को कालापानी की सजा?
चाफेकर बंधू (३ भाई) को फांसी?
मास्टर सूर्यसेन को फांसी?
ये तो कुछ ही नाम है जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम और इस देश की आजादी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया?
कई वीर ऐसे है हम और आप जिनका नाम तक नहीं जानते?
एक बात समझ में आज तक नही आई कि भगवान ने गांधी और नेहरु को ऐसे कौन से कवच-कुण्डंल दिये थे?
जिसकी वजह से अग्रेंजो ने इन दोनो को फांसी तो दूर, कभी एक लाठी तक नही मारी...?
ऊपर से यह दोनों भारत के बापू और चाचा बन गए और इनकी पीढ़ियां आज भी पूरे देश के उपर अपना पेंटेंट समझती है?
गहराई से सोचिए???
जिसने भी मुझे यह संदेश भेजा है, उसको धन्यवाद। कृपया आप भी आगे भेजें।
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