हेलो फ्रेंड्स, सबसे पहले तो आप सभी को भगवन श्री कृष्ण के जन्मदिन यानि जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं, आज हम आप के लिए लेकर आए हैं भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म दिवस के लिए शानदार ही एक पोस्ट लेकर आए है, जो आपको बहुत पसंद आएगी।
तिथि अष्ठमी भाद्रपद, जन्मे कृष्ण मुरार,
प्रगटे आधी रात को, सोये पहरेदार।
बेड़ी टूटी हाथ की, खुले बंधन पांव,
प्रभु की लीला देखिये, सन्दर गोकुल गांव।
रूप चतुर्भुज देख कर, मातु हई हैरान,
बाल रूप दिखलाइये, हे प्रभु कृपा निधान।
बाल रूप में हो प्रगट, करन लगे किलकार,
मुदित हुई मां देवकी, बालक रूप निहार।
उंगली पकड़े पांव के, मुख में दी हरि डाल,
मातु देवकी है मगन, देख लाल का हाल।
पाप धरा पे जब बढ़े, लेते प्रभु अवतार,
भव सागर से भक्त को, हरि लेत उबार।
जी भर मातु निहारती, कहां बचाऊं लाल,
मामा तेरा कंस ही, आयेगा बन काल।
सूप रखे वासुदेव जी, चलते गोकुल बाट,
यमुना मैया राह में, बढ़ती रही सपाट।
खेल रचाया श्याम ने, पग को दिये बढ़ाये,
यमुना माता श्री चरण, मष्तक रही झुकाये।
यमुना कहती श्याम जी, पग धर दीजो माथ,
कब से बाट निहारती, होती आज सनाथ।
सिर पर कान्हा ले चले, पहुंचे यसुदा द्वार,
गहरी निंदिया सो रही, आये हिर को डार।
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2 Comments
Shandar
ReplyDeletehttps://news-siteo.blogspot.com
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ReplyDeleteI have my website of joke , please visit the website and share with your friend's.
Thank you to visit our blog. But...
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