हेलो फ्रेंड्स, सबसे पहले तो आप सभी को भगवन श्री कृष्ण के जन्मदिन यानि जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं, आज हम आप के लिए लेकर आए हैं भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म दिवस के लिए शानदार ही एक पोस्ट लेकर आए है, जो आपको बहुत पसंद आएगी।
तरसी यशोदा, सुन सुन कान्हअबके मेरे घर भी आनाअंगना सूना आंखें सूनीइनमें ख्वाब कोई भर जानाकितना ढूंढू कित कित ढूंढूकिधर छुपे हो मुझे बतानाममता माखन लिए खड़ी हैआकर इसको अधर लगानामेरे कान हैं तरसे लल्लातू मुझको अम्मा कह जाना
उंगली पे उठाये लिया गिरिराज, प्रबुद्ध, प्रवीण प्रशासक हो।
तुम कालिय नाग के नाथनहार- सचेतक, तत्व-विचारक हो।
कुबजा और द्रौपदी की लाज रखी- तुम सत्य समाज सुधारक हो।
तुम ही तुम ही तुम ही तुम ही तुम ही तुम ही अधिनायक हो।
प्रेम का पाठ पढ़ाया हमें और भक्ति का भाव सिखाते रहे हो।
जीवन की महिमा हमको मुरली की धुनों में सुनाते रहे हो।
सभ्य समाज बने इस हेतु स-कारण चीर चुराते रहे हो।
गौ-कुल के हित साधन को खुद माखन चोर कहाते रहे हो।
माखन से मख सिद्ध किया नवनीत का स्वाद चखाया हमें।
कंस से लोहा लिया तुमने जनतंत्र का मन्त्र सुझाया हमें।
वक़्त के साथ चले हर वक़्त यों वक़्त का मोल बताया हमें।
प्रेम सिवाय विकल्प नहीं यह पाठ तुम्हीं ने पढ़ाया हमें।
सखियों के सखा गउओं के गोपाल ग्वालों के मीत कहाते रहे।
ललिता के मनोहर जाम्बुवती संग भी तुम रास रचाते रहे।
सब से सब की सब भांति सुचारू सदैव 'नवीन' निभाते रहे।
समता के लिए तुम जन्म लिया समभाव की ज्योति जगाते रहे।
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