हेलो फ्रेंड्स, सबसे पहले तो आप सभी को भगवन श्री कृष्ण के जन्मदिन यानि जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं, आज हम आप के लिए लेकर आए हैं भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म दिवस के लिए शानदार ही एक पोस्ट लेकर आए है, जो आपको बहुत पसंद आएगी, इसको आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं
ए जन्नत अपनी औकात में रहनाहम तेरी जन्नत के मोहताज नहींहम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते हैंवहां तेरी भी कोई औकात नहीं
जिस पर राधा को मान हैजिस पर राधा को गुमान हैयह वही कृष्ण हैं जो राधाके दिल में हर जगह विराजमान हैं
बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरूरत नहींमेरे कान्हा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगेएक बार आ गए तो कभी नहीं जाएंगे
सुध-बुध खो रही राधा रानीइंतजार अब सहा न जाएंकोई कह दो सांवरे सेवो जल्दी राधा के पास आएं
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखापूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा
कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करेजो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े ही नहीं
राधा के हृदय में श्री कृष्णराधा की सांसों में श्री कृष्णराधा में ही हैं श्री कृष्णइसीलिए दुनिया कहती हैंराधे-कृष्ण राधे-कृष्ण
फूलो में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारीऔर साथ सज रही है वृषभानु की दुलारीटेड़ा-सा मुकुट रखा है कैसे सर परकरुणा बरस रही है करुणा भरी निगाह सेबिन मोल बीक गई हूं जबसे छबि निहारीफूंलों मे सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी
कृष्ण की प्रेम बांसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानीजब-जब कान्हा मुरली बजाएं दौड़ी आये राधा रानीआज गुलशन का नज़ारा नायाब होगा।सबके गुलाब से प्यारा मेरा गुलाबमेरा “कान्हा” होगा।
गोविंद तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गए,हमने ही दिल खोया और हम ही गुनाहगार हो गए,जय श्री राधे राधे
वाह रे! मेरे सांवरे,तूं और तेरा इश्क,जो तुझे जान ले,तूं उसी की जान लेराधे राधे
मेरे प्यारे सांवरियां,तेरी फूल-सी फितरत, मेरा काटेंदार वजूद,तो क्यों ना मिलकर हम गुलाब हो जाएं,राधे राधे
रंग बदलती दुनिया देखी, देखा जग व्यवहार,दिल टूटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा दरबारराधे राधे
राधा मुरली-तान सुनावेंछीनि लियो मुरली कान्हा सेकान्हा मंद-मंद मुस्कावेंराधा ने धुन, प्रेम की छेड़ीकृष्ण को तान पे, नाच नचावें-----जय श्री राधे कृष्णा-----
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे,एक बार आ गए तो कबू नहीं जाएंगे,
राधा की कृपा, कृष्णा की कृपा,जय पे हो जाए,भगवान को पाए,मौज उड़ाए…. सब सुख पाए….!!***जय श्री राधे***
बांसुरी वादन से, खिल जाते थे कमलवृक्षों से आंसू बहने लगते,स्वर में स्वर मिलाकर, नाचने लगते थे मोर।गायें खड़े कर लेती थीं कान,पक्षी हो जाते थे मुग्ध,ऐसी होती थी बांसुरी तान...।
नदियां कल-कल स्वरों को,बांसुरी के स्वरों में मिलाने को थी उत्सुकसाथ में बहाकर ले जाती थी, उपहार कमल के पुष्पों के,ताकि उनके चरणों में, रख सके कुछ पूजा के फूल ।
ऐसा लगने लगता कि, बांसुरी और नदी मिलकर, करती थी कभी पूजा।जब बजती थी बांसुरी, घनश्याम पर बरसाने लगते, जल अमृत की फुहारें।
अब समझ में आया, जादुई आकर्षण का राजजो आज भी जीवित है, बांसुरी की मधुर तान में
माना हमने भी, बांसुरी बजाना पर्यावरण की पूजा करने के समान है,जो कि हर जीव में प्राण फूंकने की क्षमता रखती,और सुनाई देती है कर्ण प्रिय बांसुरी।
हर गली हर मुंडेरहर छप्पर हर नुक्कड़पर आज शोर हैमाखन चोर नंद किशोर काजन्मोत्सव हैजय जयकारा का लगा है नारालाड़ला कन्हैया बड़ा है प्याराहर चैनल ‘लाइव’ दिखाता हैघर बैठेमथुरा, काशी, दिल्ली-मुंबईकी सैर कराता हैइस्कान से लेकरबिड़ला मंदिर तक की कथासुनाता है, दिखाता हैभईया कलयुग है!कितनों का व्यापार टिकाकितनों को काम मिला है!सजी मिठाइयों की दुकानेंचमचम करते रसगुल्लेपेड़े, कलाकंद, बालूशाहीसबसे प्यारी रसमलाईकितनों ने तो व्रत रखा हैचलो एक दिन नहीं खायेंगेप्रभु स्तुति में रम जायेंगेअपना-अपना सोचना हैबोना है और काटना हैइसी बहानेसभी रमेकृष्ण भक्ति में लगे हैंजय कन्हैयालाल कीगोविंद बोलोअरे गोपाल बोलोमटकी फोड़ नंद किशोर कामचता हर तरफ उद्घोष हैलोगों में तो जोश हैहर गलीहर छप्पर मेंआज खुशियां हैंकान्हा, गोपाल कीजय कन्हैयालाल की!
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