...एक दीप ऐसा जले
शुभ कामना है मेरी
दीप पर्व पर मित्र।
लक्ष्मी शारद आप पर,
बरसाती रहे इत्र...
समता भाव समृद्ध हो,
मन आनंद अपार।
धन, वैभव और सम्पदा,
रहे सदा घर द्वार।।...
एक दीप ऐसा जले,
मिटे सभी अंधियार।
बुद्धि और विवेक का,
हो अंतस उजियार।।...
समृद्धि हो भावों की,
मन में हो उजियार।
बुद्धि और विवेक के,
मिटे सभी अंधियार।।...
धन यौवन धन स्वास्थ्य है,
धन हे मानव शील।
अति पाने की चाह को,
समय रहा है लीला।...
एक हुए धन्वन्तरि,
प्रज्ञावान विशेष।
स्वस्थ रहे जग में सभी,
है उनका संदेश।।...
लो दीपक ने छेड़ दी,
अंधियारे से जंग।
हिम्मत उसकी देख कर,
सारी दुनिया दंग।।...
दीपपर्व का आगमन,
तोरण की मनुहार।
रौनक है बाजार में,
रोशन है हर द्वार।।...
दिवाली के दीप जले,
भाग गया अंधियार।
कोठर से दीवार तक,
है जगमग संसार।।...
कुमकुम-सी आभा लिए,
अक्षत जैसे भाव।
भाई से कहती बहन,
रखना यही लगाव।।...
आंगन और मुंडेर पर,
जगमग करते दीप।
लोक और आलोक में,
सदा रहे संदीप।।...
दोहे संदीप सृजन
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