लाल रक्त से धुश नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छाई,
आजादी के नव उद्घोष पर,
सब ने वीरों की गाथा गायी,
गांधी, नेहरु, पटेल, सुभाष की,
ध्वनि चारों और हैं छाई,
भगत, राजगुरु और,सुखदेव की
कुरबानी से आंख भर आई।
हे भारत माता तुझसे अनोखी,
और अद्भुत मां न हमने पायी,
हमारी रगों में तेरे क़र्ज़ की,
एक एक बूंद समाई,
माथे पर हैं बांधे कफ़न,
और तेरी रक्षा की कसम हैं खाई,
सरहद पर खड़े रहकर,
आजादी की रीत निभाई।
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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