भारत मा के अमर सपूतों,
पथ पर आगे बढ़ते जाना,
पर्वत, नदियां और समंदर,
हंस कर पर सभी कर जाना,
तुम में हिमगीरी की ऊंचाई,
सागर जैसी गई हैं,
लों की मस्ती हैं तुम में,
सूरज जैसी तरुणाई है,
भगत सिंह, राणा प्रताप का,
बहतारळ तुम्हारे तन में,
गौतम, गांधी, महावीर-सा,
रहता सत्य तुम्हारे मन में,
संकट आया जब धरती पर,
तुमने भीषण संग्राम किया,
मार भगाया दुश्मन को फिर,
जाग में अपना नाम किया,
आने वाले नए विशव में,
तुम भी कुछ कर के दिखलाना,
भारत के उज्ज्वल ललाट को,
जुग में ऊंचा और उठाना।
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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