हैलो फ्रेंड्स, आज हम महिला दिवस के मौके पर आपके लिए लेकर आए हैं एक नारी की महिमा को प्रस्तुत करने वाली कविता। यह नारी का सम्मान कविता कवि मुकेश कुमार मोदी ने लिखी है, जिसमें उन्होंने महिला की खूबियों को बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुत किया है।
महिला दिवस के अवसर पर कविता
नारी का सम्मान
हे नारी तेरी महिमा को, मैं किन शब्दों में गाऊं
तेरी तपस्या की महिमा, शब्दों में कर ना पाऊँ
अपनी खुशियां भुलाकर, तूँ सुख सबको देती
पौंछकर आंखों से आंसू, दुख सबके हर लेती
शिव शक्ति का टाइटल, तुमने यूँ ही नहीं पाया
सहनशक्ति की मिसाल, कोई और दे ना पाया
तेरी पूजा करते जन जन, मन्दिर तेरा बनाकर
सिद्ध होते कार्य सभी के, तुझसे शक्ति पाकर
तेरे गौरव की गाथाएं कोई, एक दो नहीं हजार
एक तेरे बलिदान पर ही, टिका हुआ ये संसार
प्यार नहीं देती केवल, जीना भी हमें सिखाती
विघ्नों के आगे तूँ, ढ़ाल बनकर खड़ी हो जाती
उलझी बातें सुलझाकर, जीवन सरल बनाती
अपने शुद्ध व्यवहार से, निर्मल प्यार बरसाती
नारी घर की रौनक है, नारी समाज का श्रृंगार
निस्वार्थ भावना से नारी, लुटाती सब पर प्यार
नारी में देखो दैवी रूप, कर लो इसका सम्मान
पाप नहीं चढ़ाओ तुम, करके इसका अपमान
मात्र नारी ही समाज को, संस्कारवान बनाएगी
नारी की त्याग तपस्या, स्वर्ग धरती पर लाएगी
आओ मन में नारी के प्रति, पूरा सम्मान जगाएं
फिर से भारत भूमि को, हम स्वर्ग समान बनाएं
ॐ शांति
मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान
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