हैलो फ्रेंड्स, आपका हमारे ब्लॉग में आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कि दोस्त क्या होता है इस कविता के द्वारा। जो आपको पसंद आएगी
मित्र वही है...
मित्र वही जो जरूरत में काम आए
मुसीबत में याद उसका नाम आए
जरूरी नहीं वह आपसे मिलने
हर सुबह और शाम आए
जब कभी बुलावे का पैगाम आए
देखकर उसे लगे मित्र नहीं राम आए
जिसे देखकर खिल जाता मन कमल
काम छोड़कर अपने वो तमाम आए
मिले जब फुरसत के दो पल
तलाशे जिन्दगी की मुश्किलों के हल
एक दूसरे के प्रयासों की करें सराहना
प्रोत्साहन जरूरी है प्रयास हो सफल
वह मित्र है कोई अनजान नहीं
अपनी उपलब्धियों का करें बखान नहीं
बदलाव वह भी देखता और समझता है
एक असफलता बना देती नादान नहीं
मुसीबत में याद उसका नाम आए
जरूरी नहीं वह आपसे मिलने
हर सुबह और शाम आए
जब कभी बुलावे का पैगाम आए
देखकर उसे लगे मित्र नहीं राम आए
जिसे देखकर खिल जाता मन कमल
काम छोड़कर अपने वो तमाम आए
मिले जब फुरसत के दो पल
तलाशे जिन्दगी की मुश्किलों के हल
एक दूसरे के प्रयासों की करें सराहना
प्रोत्साहन जरूरी है प्रयास हो सफल
वह मित्र है कोई अनजान नहीं
अपनी उपलब्धियों का करें बखान नहीं
बदलाव वह भी देखता और समझता है
एक असफलता बना देती नादान नहीं
Mitra vahi hai...
Mitra vahi jo jarurat mein kaam aaye
Musibat mein yaad uska naam aaye
Jaruri nahin vah aapse milne
Har subah aur shaam aaye
Jab kabhi bulave ka paigam aaye
Dekhkar usse lage Mitra nahin Ram aaye
Jise dekhkar khil jaata mann kamal
Kaam chhodkar apne vo tamam aaye
Mile jab fursat ke doo pal
Talase zindagi ki moshkilon ke hal
Ek doosre ke prayason ki karen sarahna
Protsahan jaruri hai prayas ho safal
Vah mitra hai koi anjan nahin
Apni uplabdhiyon ka karen bakhan nahin
Badlav vah bhi dekhta aur samajhta hai
Ek asafalta banaa deti naadan nahin
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