हैलो फ्रेंड्स, आपका हमारे ब्लॉग में एक बार से स्वागत है, आज हम आपके लिए लेकर आए हैं आपके दोस्तों के लिए एक शानदार सी कविता, यह कविता खासकर उन लोगों के लिए जिनकी उम्र अब ढलने लगी है, जिनके दोस्त काफी पुराने हो गए हैं और अब उनसे रोज मिलना नहीं होता है...
सब दोस्त थकने लगे हैं...
किसी का पेट निकल आया है,
किसी के बाल पकने लगे हैं।
सब पर भारी जिम्मेदारी है,
सबको छोटी-मोटी कोई बीमारी है।
दिनभर जो भागते-दौड़ते थे,
वो अब चलने में भी रुकने लगे हैं।
पर ये हकीकत है...
सब दोस्त थकने लगे हैं...
किसी को लोन की फिक्र है,
कहीं हेल्थ टेस्ट का जिक्र है।
फुर्सत की सब को कमी है,
आंखों में अजीब-सी नमी है।
कल जो प्यार के खत लिखते थे,
आज बीमे के फॉर्म भरने लगे हैं।
ये हकीकत हैं...
सब दोस्त थकने लगे हैं...
Friends Forever
किसी का पेट निकल आया है,
किसी के बाल पकने लगे हैं।
सब पर भारी जिम्मेदारी है,
सबको छोटी-मोटी कोई बीमारी है।
दिनभर जो भागते-दौड़ते थे,
वो अब चलने में भी रुकने लगे हैं।
पर ये हकीकत है...
सब दोस्त थकने लगे हैं...
किसी को लोन की फिक्र है,
कहीं हेल्थ टेस्ट का जिक्र है।
फुर्सत की सब को कमी है,
आंखों में अजीब-सी नमी है।
कल जो प्यार के खत लिखते थे,
आज बीमे के फॉर्म भरने लगे हैं।
ये हकीकत हैं...
सब दोस्त थकने लगे हैं...
Friends Forever
Dost ab thakne lage hai
Kisi ka pat (stomach) nikal aaya hai
Kisi ke baal pakne lage hai
Sab par bhaari jimmedari hai
Sab Chhoti-Motti koi beemari hai
Dinbhar jo daudte bhagte thee
Wo ab chalne mein bhi rookne lage hai
Par ye hakikat hai
Sab dost thakne lage hai
Kisi ko loan ki fikra hai
Kahin health test ka jikra hai
Fursat ki sabko kami hai
Aankhon mein ajib si nami hai
Kal jo pyar ke khat likhate thee
Aaj bime (insurance) ke form bharne lage hai
Ye hakikat hai...
Sab dost thakne lage hai...
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