सर्दी का मौसम था एक स्टूडेंट ने हॉस्टल से अपने पिता को रजाई के लिए खत लिखता है, क्योंकि उसकी पुरानी रजाई फट गई थी। लेकिन उसके कुछ शरारती दोस्तों ने रजाई की जगह लुगाई लिख दिया। कुछ '3 इडियट' फिल्म की तरह। और जब पापा खत पढ़ते हैं तो...
आदरणीय पापाजी!
चरण स्पर्श,
मैं यहां ठीक हूं और आशा करता हूं कि आप लोग भी सब अच्छे से होंगे। आगे समाचार यह है कि मेरी लुगाई पुरानी और बेकार हो गई है। और यहां सर्दी अधिक पड़ रही है। अभी दोस्तों की लुगाइयों से काम चल रहा था लेकिन सर्दी अधिक पड़ने से वे भी अपनी लुगाई देने मे आना कानी करते हैं। मेरे लिए एक लुगाई का इंतजाम कर दो। नई ना ला सको तो बड़े भैया की लुगाई भेज दो।
बड़े भैया की ना मिले तो मझले भैया की लुगाई भेज दो।
सर्दी मे बुरा हाल है। दो भाईयों में से किसी एक की लुगाई जरूर भेज दो।
दोनों में से किसी की भी न भेज सको तो पैसे भेज दो... मैं यहां किराए की लुगाई ले लूंगा।
आपका पुत्र
के.पी.
उसका बाप और भाई घर से डंडे लेकर निकले हैं।
सोच सकते हैं क्या हाल होने वाला है उसका।
क्योंकि हर 1 फ्रेंड कमीना होता है।
मिस यू ऑल फ्रेंड
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