मर्जी आपकी...

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मर्जी आपकी...



विचार बहता हुआ पानी है!
यदि इसमें आप
गंदगी मिलाएंगे तो वो
नाला बन जाएगा!
और सुगंध मिलाएंगे तो फिर
वही गंगाजल बन जाएगा

कोशिश करो जिंदगी का
हर लम्हा अच्छे से गुजरे
क्योंकि जिंदगी रहे ना रहे
मगर अच्छी यादें हमेशा
जिंदा रहती हैं।

पानी के बिना, नदी बेकार है,
अतिथि के बिना, आंगन बेकार है,
प्रेम न हो तो सगे संबंधी बेकार है
इंसान को इंसान की तरह से तोलिए,
दो शब्द ही सही प्यार से बोलिए।

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