दुनिया में पहली बार दारू बनाने की भट्ठी एक बरगद के पेड़ के नीचे लगी थी।
पेड़ पर एक कोयल और एक तोता रहते थे।
पेड़ के नीचे एक शेर और एक सूअर अक्सर आराम करने आते थे।
पहले ही दिन दारू बनाते समय भट्ठी से आग लग गई।
आग में कोयल, तोता, शेर और सूअर जल कर मर गए।
और चारों की आत्मा सदा के लिए दारू में प्रवेश कर गई।
... अब नतीजा ये हुआ कि...
दो पैग के बाद कोयल की आत्मा का असर और मीठे बोल चालू।
तीसरे पैग के बाद तोते की तरह एक ही बात की टें टें टें।
चौथे पैग के बाद शेर की आत्मा का असर और फिर मुहल्ले का दादा बन गए।
और अगले पैग के बाद सूअर की आत्मा जग जाती है और फिर तो आप जानते ही होंगे
कभी नाली में...
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