तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कही हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कही हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ए मेरी जमीं अफसोस नहीं
जो तेरे लिए 100 दर्द सहे
मेहफूज रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
जो तेरे लिए 100 दर्द सहे
मेहफूज रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
ए मेरी जमीं मेहबूब मेरी
मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे
फिका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के खून कहे
मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे
फिका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिळ जावा
गुल बन के मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी नदियों में बह जावा
तेरी खेतों में लहरावा
इतनी सी है दिल की आरजू….
वो… ओह... ओह...
तेरी खेतों में लहरावा
इतनी सी है दिल की आरजू….
वो… ओह... ओह...
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहां झूम के भांगड़ा पा ना सका…
आबाद रहे वो गांव मेरा…
जहां लोट के वापस जा ना सका...
जहां झूम के भांगड़ा पा ना सका…
आबाद रहे वो गांव मेरा…
जहां लोट के वापस जा ना सका...
हो वतना वे मेरे वतना वे
तेरा मेरा प्यार निराला था
कुरबान हुआ तेरी असमत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिळ जावा
गुल बन के मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरा मेरा प्यार निराला था
कुरबान हुआ तेरी असमत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिळ जावा
गुल बन के मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी नदियों में बह जावा
तेरी खेतों में लहरावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी खेतों में लहरावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
ओह हीर मेरी तू हंसती रहे
तेरी आंख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाळा कम ना हो!
तेरी आंख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाळा कम ना हो!
हो माई मेरी क्या फिक्र तुझे
क्यूं आंख से दरिया बहता है
तू कहती थीं तेरा चांद हूं मैं
और चांद हमेशा रहता है
क्यूं आंख से दरिया बहता है
तू कहती थीं तेरा चांद हूं मैं
और चांद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिळ जावा
गुल बनके मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
गुल बनके मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी नदियों में बह जावा
तेरी फसलों में लहरावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी मिट्टी में मिळ जावा
गुल बन के मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी फसलों में लहरावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
तेरी मिट्टी में मिळ जावा
गुल बन के मैं खिल जावा
इतनी सी है दिल की आरजू…
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