केवल स्टूडेंट्स के लिए
अगर प्रशन पेपर मुश्किल लगे,
या समझ में ना आये तो...
एक गहरी सांस लो...
और जोर से चिल्लाओ,
कमीनों, फेल ही करना है तो...
परिक्षा ही क्यों लेते हो।
एग्जाम के पावन मौके पर अर्ज़ है...
पढ़ना लिखना त्याग दे, नकल से रख आस...
ओढ़ रजाई सो जा बेटा, रब करेगा पास...
पर्ची वाले बाबा की जय...
निगाहें आज भी उस शख्स को शिद्दत से तलाश करतीहैं
जिसने कहा था, "बस दसवी कर लो, आगे पढ़ाई आसान है।
बहुत दर्द होता है जब अध्यापिका बोलती हैं...
कि तुम्हारा और तुम्हारे आगे वाले का जवाब एक है।
तब दिल से आवाज आती है,
तो साला सवाल भी तो एक ही था।
अगर एक अकेला टीचर सारे...
विषय (Subject) नहीं पढ़ा सकता तो...
ऐसी उम्मीद क्यों करते हैं कि एक विद्यार्थी सारे विषय (Subject) पढ़े।
"जागो बच्चों जागो"
हर युग में ऐसा होता है...
हर स्टूडेंट इश्क में खोता है...
पढ़ाई रह जाती है सिर्फ दिखावे की...
और फिर हाल-ए-दिल...
मार्कशीट पर बयां होता है।
हर तरफ पढ़ाई का साया है...
हर पेपर में जीरो आया है...
हम तो यूहीं चले जाते हैं बिना मुंह धोये ही...
और लोग कहते हैं...
कि साला रात भर पढ़कर आया है।
जब Question पेपर हो आउट ऑफ कंट्रोल...
आंसर शीट को करके फोल्ड...
एयरोप्लेन बना के बोल...
भैया "ऑल इज फेल।"
पढ़ाई सिर्फ दो वजह से होती है...
एक शौक से और दूसरा खौफ से।
फालतू के शौक हम रखते नहीं
.....और खौफ तो हमें किसी के बाप का भी नहीं।
एक विद्यार्थी की दर्द भरी शायरी...
स्टूडेंट्स के दर्द को यह स्कूल वाले क्या जाने...
क्लास के रिवाज़ों से सब मां-बाप हैं अनजाने...
होती है कितनी तकलीफ एक पेपर लिखने में...
ये दर्द वो पेपर चेक करने वाला क्या जाने।
परीक्षा के बाद बच्चे और
ऑपरेशन के बाद डॉक्टर
एक ही चीज कहते हैं...
कुछ कह नहीं सकते,
बस दुआ करें।
हम जीते एक बार हैं, मरते भी एक बार हैं...
प्यार भी एक बार करते हैं...
शादी भी एक बार ही करते हैं...
तो फिर ये EXAMS बार-बार क्यों?
"जागो स्टूडेंट्स (Students) जागो!"
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