डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाइनें

Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाइनें



डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाइनें जो हमें जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए। और हो सके तो उसे अमल भी करना चाहिए।


1. जिदंगी में कभी भी किसी को
      बेकार मत समझना, क्योंकि
        बंद पड़ी घड़ी भी दिन में
          दो बार सही समय बताती है।

2. किसी की बुराई तलाश करने
      वाले इंसान की मिसाल उस
       मक्खी की तरह है जो सारे
         खूबसूरत जिस्म को छोड़कर
           केवल जख्म पर ही बैठती है।

3. टूट जाता है गरीबी में,
      वो रिश्ता जो खास होता है।
        हजारों यार बनते हैं,
          जब पैसा पास होता है।

4. मुस्करा कर देखो तो
      सारा जहाॅ रंगीन है,
        वरना भीगी पलकों
          से तो आईना भी
             धुंधला नजर आता है।

5. जल्द मिलने वाली चीजें
      ज्यादा दिन तक नहीं चलती,
        और जो चीजें ज्यादा
           दिन तक चलती है
             वो जल्दी नहीं मिलती।

6. बुरे दिनों का एक
      अच्छा फायदा
         अच्छे-अच्छे दोस्त
            परखे जाते हैं।

7. बीमारी खरगोश की तरह
      आती है और कछुए की तरह आती है;
          जबकि पैसा कछुए की तरह
             आता है और खरगोश की
                तरह जाता है।

8. छोटी छोटी बातों में
      आनंद खोजना चाहिए
        क्योंकि बड़ी बड़ी तो
          जीवन में कुछ ही होती है।

9. ईश्वर से कुछ मांगने पर
      न मिले तो उससे नाराज
        ना होना, क्योंकि ईश्वर
           वह नहीं देते जो आपको
             अच्छा लगता है, बल्कि
             वह देते हैं जो आपके लिए
                    अच्छा होता है

10. लगातार हो रही
        असफलताओं से निराश
           नहीं होना चाहिए क्योंकि
           कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
           चाबी भी ताला खोल देती है।

11. ये सोच है हम इसांनो की
        कि एक अकेला
          क्या कर सकता है
             पर देख जरा उस सूरज को
           वो अकेला ही तो चमकता है।

12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो
        उन्हे तोड़ना मत क्योंकि
          पानी चाहे कितना भी गंदा हो
           अगर प्यास नहीं बुझा सकता
              वो आग तो बुझा सकता है।

13. अब वफा की उम्मीद भी
         किस से करे भला
            मिट्टी के बने लोग
               कागजों मे बिक जाते हैं।

14. इंसान की तरह बोलना
         न आए तो जानवर की तरह
             मौन रहना अच्छा है।

15. जब हम बोलना
         नहीं जानते थे तो
           हमारे बोले बिना 'माँ'
      हमारी बातों को समझ जाती थी।
            और आज हम हर बात पर
                 कहते हैं छोड़ों भी 'माँ'
                  आप नहीं समझोंगी।

16. शुक्र गुजार हूं
        उन तमाम लोगों का
           जिन्होनें बुरे वक्त में
              मेरा साथ छोड़ दिया
                 क्योंकि उन्हें भरोसा था
                    कि मैं मुसीबतों से
              अकेले ही निपट सकता हूं।

17. शर्म की अमीरी से
         इज्जत की गरीबी अच्छी है।

18. जिदंगी मे उतार चढ़ाव
         का आना बहुत जरूरी है
          क्योकि ECG मे सीधी लाइन
            का मतलब मौत ही होता है।

19. रिश्ते आजकल रोटी
         की तरह हो गए हैं
            जरा सी आंच तेज क्या हुई
            जल भुनकर खाक हो जाते।

20. जिदंगी में अच्छे लोगों की
        तलाश मत करो
          खुद अच्छे बन जाओ
            आपसे मिलकर शायद
               किसी की तालाश पूरी हो।


***अच्छा लगे तो शेयर अवश्य करें :)***

Post a Comment

0 Comments