*अभिमान तब आता है,*
*जब हमें लगता है हमने कुछ काम किया है,*
*और*
*सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है,
कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है*
*जो दूसरों को इज्जत देता है*
*असल में वो खुद इज्जतदार होता है*
*क्योंकि*
*इंसान दूसरों को वही दे पाता है*
*जो उसके पास होता है।*
*शुभ प्रभात*
*आज का दिन शुभ हो*
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