रिश्ता निभाए तो ऐसे

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रिश्ता निभाए तो ऐसे



*अहंकार*" *दिखाकर*
            *किसी रिश्ते को तोड़ने से*
 *कहीं अच्छा है कि*,
                   "*क्षमा*" *मांगकर उस रिश्ते को* *निभाया जाए*।
   
*कभी किसी के चहरे को मत देखो*
       *बल्कि उसके मन को देखो*।
*क्योंकि*
     *अगर सफेद रंग में वफा होती*।
*तो नमक जख्मों की दवा होती*।


*🌺*"सुप्रभात" 🌹🌹🌹



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