हैलो फ्रेंड्स, एक बार हम फिर हाजिर है एक और नई पोस्ट लेकर, जिसमें आपको पढ़ने को मिलेगा कुछ नया सा, आपको पसंद आएगी
गांव और शहर में अन्तर
कक्षा में शिक्षक ने पूछा- गांव और शहर में क्या अन्तर है?
एक बालक ने बहुत ही सुन्दर उत्तर दिया- इतना ही अन्तर है कि गांव में कुत्ते आवारा घूमते हैं और गौ-माता पाली जाती हैं...
कक्षा में शिक्षक ने पूछा- गांव और शहर में क्या अन्तर है?
एक बालक ने बहुत ही सुन्दर उत्तर दिया- इतना ही अन्तर है कि गांव में कुत्ते आवारा घूमते हैं और गौ-माता पाली जाती हैं...
और शहर में कुत्ते पाले जाते हैं और गौ-माता आवारा घूमती है।
मेरे गांव का अनपढ़ आदमी गाय चराने जाता है,
मेरे गांव का अनपढ़ आदमी गाय चराने जाता है,
और शहर का पढ़ा लिखा आदमी कुत्ता टहलाने जाता है!
"जीवन का कड़वा सच"
अनाथ आश्रम में बच्चे मिलते हैं गरीबों के, और वृद्धाश्रम में बुजुर्ग मिलते हैं अमीरों के।
वक्त के साथ सब बदल जाता है,
अनाथ आश्रम में बच्चे मिलते हैं गरीबों के, और वृद्धाश्रम में बुजुर्ग मिलते हैं अमीरों के।
वक्त के साथ सब बदल जाता है,
पुराने जमाने में जिसे ठेंगा कहते थे, उसे आज लाइक (Like) कहते हैं।
Gaon aur shahar mein antar,
Kaksha mein shikshak ne puchha: gaon aur shahar mein kya antar hein?
Ek balak ne bahut hi sunder uttar diya- Itna hi antar ki gaon mein kutte aavara ghumte hein aur gao-mata paali jati hein,
Aur shahar mein kutte paale jate hein aur gao-mata aavara ghumti hein
Mere gaon ka anpadh aadmi gaay charane jaata hein
Aur shahar ka padha likha aadmi kutta tahlaane jaata hein,
Jeevan ka kadwa sach
Anath aashram mein bachche milte hein garibon ke, aur vraddhashram mein bujurg milte amiron ke,
Waqt ke sath sab badal jaata hein,
Purane samay mein jisko thenga kahte thee, usse aaj like kahte hein.
काश जिंदगी सचमुच किताब होती,
पढ़ सकते कि आगे क्या होगा?
क्या पाएंगे, क्या दिल खोयेगा,
कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा?
काश जिंदगी सचमुच किताब होती,
फाड़ सकते उन लम्हों को,
जिन्होंने हमें रुलाया है,
जोड़ते कुछ पन्नों को,
जिन्होंने हमें हंसाया है,
हिसाब तो लगा पाते कितना खोया कितना पाया है,
काश जिंदगी सचमुच किताब होती,
वक्त से आंखें चुराकर पीछे चले जाते,
टूटे सपनों को फिर से अरमानों से सजाते,
कुछ पलों के लिए मुस्कुराते,
काश जिंदगी सचमुच किताब होती।।
Kash Jindagi sachmuch kitab hoti,
Padh sakte ki aage kya hoga,
Kya panyege kya dil khoyega,
Kab thodi khushi milegi, kab dil royega,
Kash Jindagi sachmuch kitab hoti,
Fad sakte unn lamho ko,
Jinhone humen rolaya hein,
Jodte kuch pannon ko,
Jinhone humen hansaya hein,
Hisab to laga paate kitna khoya kitna paaya hein,
Kash Jindagi sachmuch kitab hoti,
Waqt se aakhen churakar piche chale jaate,
Tute sapnon ko fir se armanon se sajate,
Kuch palon ke liye muskurate,
Kash Jindagi sachmuch kitab hoti,
हर बात का कोई जवाब नहीं होता...!
हर इश्क का नाम खराब नहीं होता...!
यूं तो झूम लेते हैं नशे में पीने वाले,
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता...!
खामोश चहरे पर हजारों पहरे होते हैं...!
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते हैं...!
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं...!
किसी ने खुदा से दुआ मांगी...!
दुआ में अपनी मौत मांगी...!
खुदा ने कहा: मौत तो तुझे दे दे मगर,
उसे क्या कहूं जिसने तेरी जिन्दगी मांगी...!
हर इंसान का दिल बुरा नहीं होता...!
हर एक इंसान बुरा नहीं होता...!
बुझ जाते हैं दीये कभी तेल की कमी से,
हर बार कसूर हवा का नहीं होता...!
Har baat ka koi jawab nahin hota
Har ishq ka naam kharab nahin hota
Yoon hii jhoom lete hein nashe mein peene wale
Magar har ishq ka naam sharab nahin hota
Khamosh chahre par hajaron pahre hote hein
Hansti aankhon mein bhi jakhm gahre hote hein
Jinse aksar rooth jaate hein hum
Asal mein unse hee rishte gahre hote hein
Kisi ne khuda se dua maangi
Dua mein apni maut maangi
Khuda ne kaha- maut to tujhe de de magar
Usse kya kahun, jisne teri Jindagi maangi,
Har insaan ka dil bura nahin hota,
Har ek insaan bura nahin hota,
Bujh jaate hein deeye kabhi tel ki kami se,
Har baar kasur hawa ka nahin hota
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