ढंग का काम

Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

ढंग का काम



नंबर
उसके बिछड़ जाने के बाद तो मरने ही वाले थे हम . . .
कि अचानक याद आया . . .
कि उसकी सहेली ने भी तो नंबर दिया था।
तब जाकर जान में जान आई।

ढंग का काम
पत्नी : तुम्हें कोई भी काम ढंग से करना आता ही नहीं है।
पति : क्यों क्या हुआ, मैंने ऐसा क्या कर दिया?
पत्नी : तुमने कल सिलेंडर लगाया था?
पति : हां तो?
पत्नी : पता नहीं कैसे लगा दिया, कल से दो बार दूध उबाला और दोनों ही बार फट गया।

कम नंबर
आजकल के बच्चे कम नंबर लाने पर जान देने के बारे में सोचने लगते हैं....
एक हमारा टाइम था। तब हमारे नंबर देखकर मास्टरसाहब की इच्छा जान देने की होती थी।

इंसान का बच्चा
पप्पू : बताओ इंसान के बच्चों और जानवरों के बच्चों में क्या फ़र्क़ है।
लल्लू : बड़ा होकर गधे का बच्चा गधा बनता है और उल्लू का बच्चा उल्लू बनता है
पर इंसान का बच्चा बड़ा होकर गधा भी बन सकता है और उल्लू भी।

शेर का बच्चा
सोनू : पापा मुझे मैडम रोज़ मार लगाती हैं।
पापा : तू डर मत बेटे, तू तो शेर का बच्चा है।
सोनू : मैडम भी यही कहती हैं।
पापा : क्या?
सोनू : कि जाने किस जानवर की औलाद है। कुछ पढ़ता ही नहीं...!!!

जान
यमराज : मैं तेरी जान लेने आया हूं।
आदमी : ले जाइए।
पड़ोस में ही तीन घर छोड़कर रहती है!!







Post a Comment

0 Comments