साला चालीसा
ऐ दुनिया के संतप्त जनाें,
पत्नी पीड़त हे विकल मनो
कुआं प्यासे पर आया है,
मुझ बुद्धिमान की बात सुनो
यदि जीवन सफल बनाना
सा सचमुच पुण्य कमाना है
तो एक बात मेरी मानो
भगवान् कहां है?
सामने खड़ा पैगम्बर जोनो
छोड़ो मां बाप विचारों को
छोड़ो बचपन के यारों को
कुल-गोत्र बंधु-बांधव छोड़ो
छोड़ो सब रिश्तेदारों को
छोड़ो प्रतिमाओं के पूजन को
प्रपोज करने का सही दिन
पूजो दीवाल के आलों को
पत्नी को रखना हो प्रसन्न
वो पूजो अपने सालों को
इस भव सागर से तरने की
साला ही तरल त्रिवेणी है।
1 Comments
Gajab ka chalisa hai
ReplyDeleteThank you to visit our blog. But...
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