अजीब संयोग

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अजीब संयोग




अजीब संयोग
क्या अजीब संयोग है स्कूल में हाजिरी ले लेते लेते मास्टर जी की कलम रुक अचानक गई
क्योंकि लड़की का नाम था परिधि व्यास
टीचर ने कहा क्या खूब ज्यामितीय नाम है।
बेटी, तुम्हारे पापा का नाम..?
वह बोली जी आधार चंद्र व्यास।
और मम्मी?
वह बोली जी त्रिज्या व्यास।
और भाई?
वह बोली जी कर्ण व्यास।
फिर तो परिवार में रेखा और बिंदु भी होगी?
वह शरमाकर बोली जी दोनों बुआ है मेरी!


 अपनी जान
एक व्यक्ति तालाब में गिर गया
डूबते दो डूबते डूबते उसके हाथ में एक मछली आ गई
सरदार ने उसे पकड़ कर बाहर फेंका
और बोला तू तो कम से कम अपनी जान बचा ले




डर
कुंवारा लड़का : मुझे शादी नहीं करनी
मुझे सभी औरतों से डर लगता है
पिता : कर दो बेटा। फिर एक ही औरत से डर लगेगा
बाकी सब अच्छी लगेगी




पत्नी लापता
आदमी : सर मेरी पत्नी लापता।
डाकिया : यह डाकघर है पुलिस थाना नहीं।
आदमी : ओ सॉरी! साला खुशी के मारे कहां जाऊं समझ में नहीं आ रहा


बड़ा मजा आता
पति : काशमैं गणपति होता,
तुम रोज मेरी पूजा करती,
मुझे लड्डू खिलाती,
बड़ा मजा आता।

पत्नी : हां, काश तुम गणपति होते।
रोज तुमको लड्डू खिलाती,
हर साल विसर्जन करती,
नए गणपति आते,
बड़ा मजा आता।



हमें तो लोगों ने लूटा उस में कहां दम था पैर भी वहां पड़ा जहां चुना कम था



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