अव्वल दर्जे के आलसी

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अव्वल दर्जे के आलसी



हीरों का हार
सुबह सुबह पत्नी नींद से उठते ही बोले :  अजी सुनते हो?
पति : बोलो! क्या हुआ?
पत्नी : मुझे सपना आया कि आप मेंरे लिए हीरों का हार लेकर आए हो।
पति : ठीक है, तो वापस सो जा और पहन ले।

भिखारी : क्या बात है साहब पहले आप मुझे 100 रुपए देते थे बाद में 50 और अब 25 रुपए ही देते हैं?
साहब : पहते मैं कुंवारा था, फिर मेरी शादी हो गई, और अब एक बच्चा हो गया है।
भिखारी : वाह साहब वाह! बुहत अच्छे, पूरे परिवार को मेरे पैसों से ऐश करा रहे हो?

मैंने कभी ईंट का जवाब पत्थर से नहीं दिया...
मैंने बस वही ईंट वापस दे मारी...
पत्थर ढूंढने में कौन टाइम वेस्ट करे भला।

शराबी मरने ही वाला था कि उसके सामने भगवान प्रकट हो हुए।
भगवान : तुम्हारी कोई अन्तिम इच्छा बताओ।
शराबी : प्रभु, अगले जन्म दांत चाहे एक ही देना, पर लीवर पूरे 32 देना।


अव्वल दर्जे के आलसी
पति- पत्नी दोनों अव्वल दर्जे के आलसी थे। एक रात जब दोनों बिस्तर पर लेट गए तो कुछ शोर सुनकर पति बोला, जरा देखो तो, बाहर बारिश हो रही है क्या?
पत्नी लेटे- लेटे ही बोली : हो रही है।

पति : बिना देखे तुमने कैसे जान लिया?
पत्नी : अभी जो बिल्ली अन्दर आई थी वो भीगी हुई थी वो भीगी हुई थी इसका मतलब बारिश हो रही है।

पांच मिनट बाद पति फिर बोला : जरा लाइट तो बंद कर दो... रोशनी में नींद नहीं आ रही है।
पत्नी : कम्बल ओढ़ लो... अपने आप अंधेरा हो जाएगा।

पति झल्लाते हुए बोला : ठीक है कम से कम दरवाजा तो बंद कर लो।
पत्नी चिल्ला कर बोली : अब दो काम मैंने कर दिए, एक काम आप खुद नहीं कर सकते क्या?


एक और मौका
पत्नी : मैं ड्राइवर को नौकरी निकाल रही हूं, क्योंकि आज मैं दूसरी बार मरते मरते बची हूं।
पति : प्रिय, मैं चाहता हूं कि उसे एक और मौका देना चाहिए।


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