पति-पत्नी चित्र प्रदर्शनी देखने गए।
पत्नी प्रदर्शनी देखकर बाहर आ गई और पति की प्रतिक्षा करने लगी।
पति जब काफी देर तक बाहर नहीं आए तो वह दोबारा अंदर गई।
उसने देखा कि पति चित्र को बड़े गौर से देख रहे थे। उसने पास जाकर देखा, चित्र एक नवयुवती का था जिसमें कपड़ों के स्थान पर पत्ते पहन रखे थे। चित्र का शिर्षक था बसंत।
पत्नी ने पति को चलने के लिए कहा तो उसने हाथ के इशारे से रोक दिया जरा ठहरो।
पत्नी चिढ़कर बोली : क्यों? क्या पतझड़ की प्रतिक्षा है?
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