*"निंदा" से घबराकर अपने "लक्ष्य" को ना छोड़े*
*क्योंकि....*
*"लक्ष्य"*
*मिलते ही निंदा करने वालों की "राय" बदल जाती है।*
*"कोशिश"*
*आखिरी सांस तक करनी चाहिए,*
*या तो "लक्ष्य" हासिल होगा*
*या "अनुभव"*
*"चीजें दोनों ही अच्छी है।"*
*****सुप्रभात*****
देर रात तक करवटें बदलता है अनशन पर बैठा उत्साही बूढ़ा थकी हुई है निर्बल क…
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