वाट्सअप भी मुर्गियों के
घोंसले जैसा ही है...
बार-बार खोल के
देखना पड़ता है कि किसी
ने अंडा तो नहीं दे दिया
घोंसले जैसा ही है...
बार-बार खोल के
देखना पड़ता है कि किसी
ने अंडा तो नहीं दे दिया
देर रात तक करवटें बदलता है अनशन पर बैठा उत्साही बूढ़ा थकी हुई है निर्बल क…
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