विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं



यह दशहरा है...


राजा राम थे तो, रावण भी राजा था।

परमवीर राम थे तो, रावण भी महाबली था।

ज्ञानी राम थे तो, महाज्ञानी रावण भी था।

सन्यासी राम बने तो, संयमी रावण भी रहा।

पति धर्म राम ने पूरा किया तो, भ्राता धर्म रावण ने पूर्ण किया।

पिता को दिया वचन राम ने निभाया तो,
बहन को दिया वचन रावण ने भी निभाया।

सत्य राम थे तो झूठा रावण भी नहीं था।

 फिर युद्ध क्यों?

राम की जीत और रावण की हार क्यों?

 यह युद्ध था...
ज्ञान और महाज्ञान के सही-गलत उपयोग का।


सत्य से ऊपर अति आत्मविश्वास का।

परिजन की सलाह नकारने का।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम और मतिभ्रम दशानन रावण का।

राम नीति और रावण प्रवृत्ति का।

त्यागी राम और अहंकारी रावण का।

आइए इस दशहरे पर
देश, समाज और अपने अंदर के राम-रावण को पहचाने।

ज्ञान और बल के सही-गलत उपयोग को जाने।

सत्य और अहंकार के भेद को पहचाने।


विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं


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