कलयुग का रावण

Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

कलयुग का रावण




एक फ्लैट में घंटी बजती है...

और महिला जो घर में अकेली है...
दरवाजा खोलती है...

भिक्षुक : माई, भिक्षा दे।

महिला : ये लो, महाराज...

भिक्षुक : माई, जरा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।

... और वह द्वार पार करके बाहर आती है।

भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ) : हा... हा... हा...

मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं!


महिला : हा..! हा..! हा..! मैं कहां सीता हूं,
मैं तो कामवाली बाई हूं।

पिक्चर अभी बाकी है...

रावण : हा..! हा..! हा..!

सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं,

तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जाएगी। उसे भी कामवाली बाई की ही जरूरत है...

महिला : हा..! हा..! हा..!

पगले, सीता  को ढूंढने सिर्फ राम आए थे...

मुझे ढुंढने  सारी सोसायटी आएगी।





Post a Comment

0 Comments