*, प्रेम से बढ़कर त्याग है।*
*दौलत से बढ़कर मानवता है,
परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर
इस दुनियाँ में कुछ भी नहीं है।*
*जरूरी नहीं की मिठाई खिलाकर ही दूसरो का मुंह मीठा करे,
आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियां दे सकते है।*
देर रात तक करवटें बदलता है अनशन पर बैठा उत्साही बूढ़ा थकी हुई है निर्बल क…
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