सुबह की नमस्कार

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सुबह की नमस्कार

*"न मैं गिरा,और न मेरी*
      *उम्मीदों के मीनार गिरे..!*

       *पर... लोग मुझे गिराने मे*
            *कई बार गिरे...!!"*
                 
      *सवाल जहर का नहीं था*
                 *वो तो मैं पी गया,*

*तकलीफ लोगों को तब हुई,*
       *जब मैं फिर भी जी गया*

*जब कोई “हाथ” और“साथ”* *दोनों ही छोड़ देता है,* *तब “कुदरत” कोई न कोई* *उंगली पकड़ने वाला भेज देती है,* *इसी का नाम “जिदंगी” है...!!*

🌞🌹🌹good morning🌹🌹

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