जिंदगी क्या है

Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

जिंदगी क्या है



जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है।

अरे
"बॉडी" लेकर आइए,
"बॉडी" को उठाइए,
"बॉडी" को सुलाइए।

ऐसे शब्दो से आपको पूकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नहीं पुकारते ,
जिन्हे प्रभावित करने के लिए आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी।

इसीलिए निर्मिती" को नही
निर्माता" को  प्रभावित करने के लिए जीवन जियो।

जीवन में आने वाले हर चुनौती को स्वीकार  करें।......
अपनी पसंद की चिजो के लिए खर्चा किजिए।......
इतना हंसिए के पेट दर्द हो जाए।....

आप कितना भी बूरा नाचते हो,
फिर भी नाचिए।......
उस खूशी को महसूस कीजिए।......
फोटोज् के लिए पागलों वाली पोज् दीजिए।......
बिलकुल छोटे बच्चे बन जाइए।

क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।
लॉस तो वो है
के आप जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चूकी है।.....

हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,
"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,

"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,

"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,

"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,
"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,

"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,

"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,

अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,
वरना मै तो बिना जवाब के भी खुश हूं..!!

Post a Comment

0 Comments