ननद ने अपनी भाभी को फोन किया और पूंछा : भाभी मैंने राखी भेजी थी मिल गई क्या आप लोगों को ???
भाभी : नहीं दीदी, अभी नहीं मिली।
ननद : भाभी कल तक देख लो अगर नहीं मिली तो मैं खुद आऊंगी राखी लेकर
अगले दिन भाभी ने खुद फोन किया : हां दीदी, आपकी राखी मिल गई है, बहुत अच्छी है *Thank you Didi*
ननद ने फोन रखा और आंखों में आंसू लेकर सोचने लगी "मैंने तो भाभी अभी तक राखी भेजी ही नहीं और उन्हें मिल भी गई!!!"
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...यह बहुत पुरानी कहानी। कई जगह अब सच होने लगीं हैं दोस्तों कृपया अपने *पवित्र रिश्तों* को सिमटने और फिर टूटने से बचाएं, क्योंकि रिश्ते हमारे जीवन के फूल हैं जिन्हें ईश्वर ने खुद हमारे लिए खिलाया है...
रिश्ते काफी अनमोल होते है इनकी रक्षा करें
*बहन बेटी पर किए गए खर्च*
*से हमेशा फ़ायदा ही होता है*
*बहने हमसे चंद पैसे लेने नही बल्कि हमे बेसकीमती दुआएं देने आती है, हमारी बलाओं को टालने आती है, अपने भाई-भाभी व परिवार को मोहब्बत भरी नज़र से देखने आती है*
*रक्षाबंधन की अग्रिम शुभकामनाएं*
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