एक बार लालू प्रसाद यादव अपने किसी मित्र को संदेश लिख रहे थे, तो उनकी धर्मपत्नी राबड़ी देवी ने उनसे पूछा...
राबड़ी : का करत हो?
लालू : एक दोस्त को चिट्टी लिखत हूं।
राबड़ी : पर तुहार लिखना तो आवा नहीं।
लालू : वो ससुरा भी तो पढऩा नहीं जानत।
देर रात तक करवटें बदलता है अनशन पर बैठा उत्साही बूढ़ा थकी हुई है निर्बल क…
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