गलतफहमी

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गलतफहमी



बिकती है ना खुशी कहीं,

 ना कहीं गम बिकता है...

लोग गलतफहमी में हैं,

कि शायद कहीं मरहम बिकता है...

इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है,

उम्मीदों से ही घायल है और

उम्मीदों पर ही जिंदा है...!

       🌺 *सुप्रभात* 🌺

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