*रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं...*
*फिर मत कहना चले भी गए और बताया भी नहीं...!*
*बहुत ग़जब का नज़ारा है इस अजीब दुनिया का,*
*लोग सबकुछ बटोरने में लगे हैं खाली हाथ जाने के लिए...!*
🙏"सुबह का सादर प्रणाम🙏
***आप का दिन मंगलमय हो***
देर रात तक करवटें बदलता है अनशन पर बैठा उत्साही बूढ़ा थकी हुई है निर्बल क…
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