नमस्ते जी
क्यूं कहते हो की कुछ बेहतर
नहीं होता,
सच तो ये है की जैसा चाहो वैसा
नहीं होता,
कोई तुम्हारा साथ न दे तो
गम न कर,
खुद से बड़ा दुनिया में कोई
हमसफ़र नहीं होता
किसी ने सच ही कहा है
भरोसा "ईश्वर" पर है, तो जो
लिखा है तकदीर में, वो ही
पाओगे!
मगर, भरोसा अगर
"खुद" पर है तो
ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे!
सुभ प्रभात
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